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"PPE किट वार्सिस बुरखा "




"भाई दोमुख ये PPE  किट की चर्चा  इतनी क्यूँ  हो रही हैं।"- हसमुख निचे जाते हुए एक इंसान को देख रहा था जो अभी एक नीली सी किट पहने बाइक पर सवार जा रहा था। पूरा नीला दिखाई पड़ रहा था जैसे कला बुरखा पहने कोई मुस्लिम इंसान होता हैं वैसे था वो इंसान।- हसमुख ने कहा -"भाई दोमुख, मेरा मानना तो ये हैं के PPE किट में और जो सामने वाली ललन की पड़ोसन नाज़नीन जो नीला कपडा सा पहनती हैं वो भी ऐसा ही हैं" 

         बीच  हमें चील आंटी बोली अबे बेवकूफ उसे बुरखा केहवे है"-  "हा वही बुरखा में नाम लेने वाला था, मेडम चील, आप जारा सुन तो लेती"- हा तो मैं कह रहा था के PPE किट और बुरखे में कोई अंतर ज्यादा नहीं हैं "

तोते के साथ बैठी कोयल न भी मीठे सुर में गर्दन हिलती हुई बोली " ये तो सही कहा इसमें भी लोग अपना जिस्म ढकते हैं और उस PPE  किट में भी पूरा जिस्म को ढकना होता हैं बस ". हसमुख - " बात सही हैं तभी तो PPE  किट को वो सभी पहनते हैं. जो मरीज़ के आस पास रहते हैं पर यही मुस्लिम की औरते करती हैं जो उन मनचलो की गंदे कीटाणु भरी ज़बान के कीटाणु के साथं हवस से भरी आँखों से पर्दा होता हैं साथ ही वो हर तरह की बिमारी से मेहफ़ूज़ रहती हैं जो बहार हवा में रहती हैं" -दोमुख

 वही बैठी गुररया चिड़िया ने भी सवाल पूछ लिया - "बताओ ये PPE  किट कब और क्यूँ  बनी।"

(तो आइए जानते हैं कि क्या होता है पीपीई किट यानी पर्सनल प्रोटेक्शन इक्विपमेंट्स।) 

" WHO ने ये किट बनाई हैं. इसका रूप आग बुझाने वाली  फॉयर मैन  जैसी किट पहनते  हैं उससे मुत्तासिर हो कर अफ्रीका में फैले इबोला वायरस जेसी बिमारी से बचने के लिए किया गया था।" -हसमुख। तोते मियां ने कहा - "उसी तरह बुरखा भी जिस्म पर इसी तरह पहना जाता हैं ताकि कोई गंदगी नहीं  लगे। बेशक ये इस्लाम के मजहब में हैं के औरत परदे में रहे , मगर इसका मतलब ये नहीं के औरत घर में कैद रहे, मुस्लिम की औरते  जोब भी करती हैं चाहे वो स्कूल टीचर की हो या कोई पब्लिक डीलिंग की ही क्यूँ  न हो। बुरखे में अगर कोई गंदगी लग भी जाये तो आप उसको धोह कर साफ़ किया जा सकता हैं।"- "जबकि चिकित्सा जगत में कोरोना वायरस, इबोला वायरस और निप्पा वायरस जैसे खतरनाक वायरस हैं, जिनके मरीज डॉक्टरों और देखभाल कर्ताओं द्वारा दिन-रात देखे जाते हैं। इसलिए, उन्हें सुरक्षा उपकरणों की सख्त जरूरत है"। - चील आंटी ने बड़े गर्व से बताया क्यूँ की इसका जवाब और किसी को नहीं पता था -

       अब बारी आती हैं एक नए परिंदे की जो उसी पेड़ पर अपना घर बना कर रह रहा था नहीं रह रहे थे यानि मधुमक्खियां उनका जवाब भी उन सब के लिए परेणा बना। अब बारी बारी  मधुमक्खी बोलने लगी। -

(covid) कोविड-19,पूरी दुनिया में एक महामारी का रूप ले कर अपने पैर पसार चुकी हैं। लाखो लोगो की मौत का काल भी बनती जा रही हैं दुनिया इस महामारी से बचने के लिए युद्ध इस्तर पर रिसर्च कर रही हैं किस तरह इस महामारी से बचा जा सकता हैं। 

      जब कोरोना का जन्म हुआ तो शुरुआत में ही बताया जा चूका था के आपको दूर रहना एक दूसरे से हाथ नहीं मिलना, गले नहीं लगना।  कमसे काम 6 फिट की दुरी रखना  हाथ बार बार 20 सेकेण्ड तक धोना,आदि जो आप सभी जानते हो। फिर आया नया फरमान WHO ने बताया के आपको यानि डॉ. को या उन लोगो को जो मरीज़ के आस पास रहते हैं। उनको दुरी मैं नहीं रखा जा सकता तो WHO ने बताया के के PPE किट को इस्तेमाल करना हैं।"

       अब PPE किट में हैं क्या जो ये डॉ. को नर्सो को या उन जैसे और लोगो को पहना हैं। उन्होंने ऐसे कपडे का चुनाओ किया, जो हल्का हो और ज्यादा देर तक पहना जा सकने वाला हो सर से पेरो तक ढाका जा सके हाथो में दस्ताने हो, मुँह भी ढका हुआ हो चाहें मास्क से या फेस प्रोटेक्शन आईटम से।आम तौर पर मास्क, ग्लोव्स, गाउन, एप्रन, फेस प्रोटेक्टर, फेस शील्ड, स्पेशल हेलमेट, रेस्पिरेटर्स, आई प्रोटेक्टर, गोगल्स, हेड कवर, शू कवर, रबर बूट्स इसमें गिने जा सकते हैं। ऐसा लिबास बनाया गया. ताकि इस किट को पहनने वालो को कोरोना वायरस का पार्टिकल उनके शरीर तक न पोहोच पाए। यहाँ आपको बताते चले मुस्लिम औरते एक PPE किट जैसा कुछ पहनती हैं उसको कहते हैं बुरखा।  जिस पर अब से कुछ महीने पहले तक पूरी दुनिया ख़ास  कर अमेरिका, यूरोप के मुल्क और हमारे भारत में भी बुरखे वालो को निसाना बनाना शुरू कर दिया था। चाहे वो उनके धर्म को ले कर फब्तियां  या वो लोग जो मुस्लिम पर अपनी औरतों को बुरखे के बहाने कैद कर रखा हो। का बहाना हो ।

      जैसा ऊपर बताया गया हैं PPE किट क्या हैं और बुरखा , बुरखे को थोड़ा सा बदलाव PPT किट बन जायेगा, मुँह पर मास्क हाथो में गलव्स और सर ढका हुआ हो साथ ही दूरी बना कर चलना या मिलने को तरजीह दी जा रही हैं। आपने ग्लव्स पहने हैं आपने ये सभी पहने हैं तो आप पास से भी मिल सकते हैं और हाथ भी  मिला सकते सकते हैं.  में ऐसा इस लिए कह रहा हूँ क्यूँ  की हमारे आज के समाज में चेहरा ढकना बुरा मना जाता हैं।  पर क्या अब वाक़ये गलत होगा बुरखा पहनना जब की सभी एक दूसरे को बीमार इंसां की तरह देखते हैं।  और बच कर चलना चाहते हैं तो ऐसे में सवाल पैदा होगा क्या हर कोई  PPE किटका इस्तेमाल नहीं कर सकता ,और न ही बुरखा पहन सकता हैं इसमें जो लोग बुरखा पहनते हैं उनको सम्मान के साथ देखना चाहिए ताक़ि इस महामारी से बचा जा सके।"  

हसमुख ने आखीर में कहा - "अब उस टेक्नोलॉजी का क्या होगा जो गोवेर्मेंट ने बनाई थी जगह जगह फेस डिडक्शन कैमरे जो चेहरा की तस्वीर लेकर उसकी डिटेल बयां कर देते थे अब कहा जाएगी वो खुफिया टेक्नोलॉजी। कमसे काम दो साल तो मुँह से मास्क नहीं उतने वाला।"- 

      चील आंटी ने बीचमें ही टोका और अपनी बात शुरू की - "पहले तो ये लोग बुरखे को बुरा भला कहा करते थे अब वही बुरखा आपकी जान बचा रहा हैं चाहे वो PPE  किट का नाम ही क्यूँ ना हो उसको देख कर भी लोग भागते हैं कहीं उस किट पहने इंसान से हम को तो कोरोना वायरस न हो जाएं।  मगर बुरखा तो हजारो बिमारिओ को रोकता आया हैं क्यूँ जी राणिमुखी रोकेगा ?"- राणिमुखी जो दुर्मुख की पड़ोसन थी अब वो जवान होनेलगी थी - "इंशाअल्लाह रोकता रहेगा".

बुरखा -बुर्क़ा 

लेखक

इज़हार आलम

(WRITERDELHIWALA)
























ये लिंक वो हैं जिनमे बुर्के की खबर हैं और PPE  किट की।

https://www.indiatoday.in/world/story/countries-that-ban-burkha-hijab-niqab-1514673-2019-05-02

https://montrealgazette.com/news/local-news/watch-whats-the-difference-between-a-hijab-chador-niqab-and-burka/

https://sanmarg.in/home-slider/jd-womens-college-of-bihar-imposes-ban-on-burqa-will-be-fined-for-breaking-rules/

https://www.news18.com/news/india/indigenous-ppe-kit-developed-to-fight-coronavirus-production-may-start-this-week-2585747.html

https://www.outlookindia.com/website/story/india-news-coronavirus-iit-kanpur-develops-ppe-for-frontline-workers-for-less-than-rs-100-each/350464

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